Sunday 18 June 2023

Darbhanga News: बिहार के दरभंगा में अनूठी पहल, टीबी के मरीजों को गोद ले स्वस्थ समाज को दे रहे सशक्त आधार

 मुकेश कुमार, दरभंगा। टीबी के खिलाफ जंग में बिहार के दरभंगा में विदेशी नागरिकों का भी साथ मिल रहा है। इन्होंने न सिर्फ मरीजों को गोद लिया है, बल्कि इनके बीच पहुंचकर जागरूकता भी फैला रहे हैं।





उनकी इस पहल का असर स्थानीय लोगों में भी देखने को मिल रहा है। अब तक 117 मरीजों को गोद लिया गया है। इसमें मंत्री से लेकर डाक्टर और इस बीमारी से ठीक हो चुके लोग भी टीबी चैंपियन के तौर पर शामिल हैं।

देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 2018 से निक्षय पोषण योजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टीबी मरीज के निक्षय मित्र पर मन की बात में भी चर्चा कर चुके हैं।

इससे प्रेरित होकर रूस की इंगा कुमार व दक्षिण कोरिया के जोनाथन ने एक-एक मरीज को गोद लिया है। इंगा ने दरभंगा के ही एक इंजीनियर से शादी की है।

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वे यहीं रहकर टीबी के प्रति स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होती हैं।

वह एक दर्जन और मरीजों को गोद लेने की इच्छा जता चुकी हैं। दक्षिण कोरिया के जोनाथन भी समय-समय पर यहां आते हैं और मरीजों के बीच पहुंचते हैं।

कभी टीबी से थे ग्रसित, अब बचाव के लिए कर रहे प्रेरित

एक मरीज को गोद लेने वाले दीपक राज कभी खुद टीबी से ग्रसित थे। वह ठीक होने के बाद एक संस्था से जुड़कर टीबी चैंपियन के रूप काम कर रहे हैं।

दीपक लोगों के बीच जाते हैं और बताते हैं कि उन्होंने किस तरह इस बीमारी पर विजय पाई। राज्य के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी व केवटी विधायक डा. मुरारी मोहन झा के अलावा एक दर्जन से अधिक डाक्टर भी मरीजों को गोद लेकर सेवा कर रहे हैं।

वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक राम कुमार का कहना है कि गोद लेने वाले लोग एक मरीज के पोषाहार पर प्रतिमाह एक हजार रुपये से अधिक खर्च कर रहे हैं।

इससे मरीजों को अंडा, सूखा मेवा, फल आदि पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। मरीज नियमित दवा का सेवन कर रहा है या नहीं, इसकी निगरानी भी करते हैं।

समय-समय पर मरीज के घर पहुंचते हैं। उनसे बात करते हैं। जिले में टीबी मरीजों की संख्या 8401 है। इसमें सबसे अधिक 3150 मरीज सिर्फ शहरी क्षेत्र में हैं।

इसके बाद सदर में 643 और केवटी में 164 मरीज पाए गए हैं। सबका इलाज चल रहा है। सरकार की तरफ से भी मरीजों को हर माह पांच सौ रुपये पौष्टिक भोजन के लिए दिए जा रहे हैं।


टीबी को खत्म करने के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। फिलहाल एक मरीज को गोद लिया है। 10 और को गोद लेने की तैयारी है। कोशिश है कि जिले में जितने भी मरीज हैं और जिन्हें आवश्यकता है, सभी को कोई न कोई गोद ले। -मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री





 cc @jagran

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Darbhanga News: JCB से हो रही थी खोदाई, गड्ढे में नहाने चले गए मामा-भांजे; मौत के बाद परिवार में मचा कोहराम

हनुमाननगर (दरभंगा), संवाद सहयोगी। विशनपुर थानाक्षेत्र के डीहलाही गांव के कुम्हरा चौर में गुरुवार को पानी से भरे गड्ढे डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। इस सूचना से स्वजन में कोहराम मच गया। पुलिस ने बताया कि डीहलाही निवासी रामबालक दास के पुत्र अविनाश कुमार दास (20) और उनका भांजा बहादुरपुर थानाक्षेत्र के बरहेता निवासी घूरन दास के पुत्र मोहित कुमार दास (19) कुम्हरा चौर स्थित जेसीबी से खोदाई वाली गड्ढे में स्नान करने चेल गए।

यहां दोनों ने किनारे से पानी में छलांग लगा दी, लेकिन गहरे पानी रहने कारण दोनों डूबने लगे। दोनों ने डूबने दौरान बचाने की गुहार भी लगाई, तब आस-पास के लोग पहुंचे। इस बीच कई लोगों ने पानी में छलांग लगाकर दोनों को बाहर निकाला।

आनन-फानन में दोनों को दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल (डीएमसीएच) ले गए। जहां दोनों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि मोहित अपने ननिहाल में गर्मी छुट्टी मनाने के लिए आया था। घटना से पुरे गांव में मातम छा गया है। सूचना पर पहुंचे सीओ कैलाश चौधरीने घटना की पूरी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आपदा मद से राहत राशि उपलब्ध करा दी जाएगी।

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Saturday 17 June 2023

केंद्र सरकार ने शोभन को प्रस्तावित स्थल के रूप में खारिज कर दिया है, दरभंगा एम्स जिंक्स जारी है

 केंद्र सरकार ने शोभन को प्रस्तावित स्थल के रूप में खारिज कर दिया है




दरभंगा एम्स का भविष्य अधर में लटका हुआ है क्योंकि केंद्र ने एक बार फिर शोभन में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए प्रस्तावित स्थल पर आपत्ति जताई है। इस कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक भूचाल आ गया है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुझावों को स्वीकार नहीं करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है। बिहार के सीएम ने कहा, "दरभंगा में एम्स के लिए निर्धारित साइट में कुछ भी गलत नहीं है। वास्तविकता का पता लगाने के लिए साइट पर जा सकते हैं।


राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को बार-बार खारिज करने के लिए मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए, नीतीश कुमार ने कहा, "पहले, दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) को अपग्रेड किया जाना था, लेकिन राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को केंद्र ने खारिज कर दिया था। फिर उन्होंने डीएमसीएच परिसर में एम्स बनाने की योजना बनाई। हालांकि, एक बार फिर एक मुद्दा था। दरभंगा की मेरी यात्रा के दौरान, जिला मजिस्ट्रेट ने मुझे शोभन बाईपास के पास की जमीन दिखाई।मैं साइट की उचित कनेक्टिविटी को देखकर प्रभावित हुआ। केंद्र के सामने अब भी समस्या है। ऐसा लगता है कि केंद्र के दिमाग में कुछ और है।


एम्स दरभंगा के लिए प्रस्तावित स्थल के रूप में शोभन के साथ केंद्र को समस्या क्यों है?

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि दरभंगा में एम्स के लिए प्रस्तावित भूमि निचले इलाके में है, जहां 10 मीटर से अधिक मिट्टी भरने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार का मानना है कि लगभग 151 एकड़ भूमि को अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी से भरना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है और इससे परियोजना लागत में वृद्धि हो सकती है और निर्माण कार्य में देरी हो सकती है। पत्र में जलभराव की संभावना का भी उल्लेख किया गया था।


'भाजपा मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है': बिहार सरकार

सत्तारूढ़ जदयू और राजद ने मुद्दे का राजनीतिकरण करने और परियोजना में देरी करने के लिए भाजपा पर हमला किया है। केंद्र की आपत्तियों पर सवाल उठाते हुए जदयू के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक अजय चौधरी ने कहा, 'बड़ी मेहनत से मुख्यमंत्री ने शोभन के पास एम्स के लिए 189 एकड़ जमीन मुफ्त में आवंटित करने का फैसला किया. प्रस्तावित भूमि दरभंगा-आमस फोर लेन सड़क से मुश्किल से 5 किमी दूर है। डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों के लिए भी साइट पर पहुंचना सुविधाजनक होगा। राजद ने भी अनावश्यक विवाद पैदा करने के लिए केंद्र की आलोचना की। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, 'भाजपा नहीं चाहती कि बिहार को एक और एम्स मिले।

राज्य भाजपा इकाई ने केंद्र के फैसले का बचाव किया और एम्स दरभंगा के लिए "दोषपूर्ण स्थान" का चयन करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री की आलोचना की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा, "केंद्र नहीं चाहता कि राज्य में एक और ढांचा ढह जाए। नीतीश ने पहले कहा था कि डीएमसीएच को एम्स में अपग्रेड किया जाएगा। तब वह बंद हो चुके अशोक पेपर मिल परिसर की जमीन पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। अंत में, मुख्यमंत्री ने इस उद्देश्य के लिए शोभन में निचली जमीन को चुना।

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Friday 16 June 2023

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Poor AIR Quality of topmost cities in India

India's Most populated cities:
credit @aqi


 

 

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Asia Cup की तारीख घोषित, इतनी बार भिड़ सकते हैं भारत-पाकिस्तान, जानें टूर्नामेंट का फॉर्मेट

 नई दिल्ली: 

करोड़ों प्रशंसकों का लंबा इंतजार खत्म करते हुए एशिया क्रिकेट काउंसिल (ACC) ने आधिकारिक रूप से एशिया कप (Asia Cup) के हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करते हुए टूर्नामेंट के आयोजन पर आधिकारिक मुहर लगा दी है. टूर्नामेंट पाकिस्तान और श्रीलंका में खेला जाएगा. Asia Cup में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश अफगानिस्तान और नेपाल की टीमें हिस्सा लेंगी. और कुल मिलाकर प्रतियोगिता में 13 वनडे मैच खेले जाएंगे. पिछले कई महीनों से भारतीय टीम के पाकिस्तान न आने को लेकर पीसीबी और बीसीसीआई में खासा तनाव चल रहा था. और मामला यहां तक पहुंच गया था कि पाक बोर्ड ने धमकी तक दे डाली थी कि अगर भारतीय टीम एशिया कप (Asia Cup 2023) खेलने पाकिस्तान नहीं आएगी, तो वह भी विश्व कप के लिए अपनी टीम भारत नहीं भेजेगा. बहरहाल, अब आधिकारिक ऐलान के साथ ही मामला सुलझ गया है. आप टूर्नामेंट के बारे में विस्तार से जान लें. 


Asia Cup की तारीख घोषित, इतनी बार भिड़ सकते हैं भारत-पाकिस्तान, जानें टूर्नामेंट का फॉर्मेट

फैंस को लंबे समय बाद भारत-पाकिस्तान के मैच देखने को मौका मिलेगा

यह है टूर्नामेंट का फॉर्मेट
टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली सभी छह टीमों को दो ग्रुपों में बाटा गया है. प्रत्येक ग्रुप से दो टीमें सुपर फोर राउंड में पहुंचेंगी. और सुपर फोर राउंड में शीर्ष पर रहने वाली दोनों टीमों के बीच फाइनल मुकाबला खेला जाएगा. आयोजित होने वाले 13 मैचों से चार मैच पाकिस्तान और बाकी नौ मुकाबले श्रीलंका में खेले जाएंगे.  एशिया कप (Asia Cup) का आयोजन 31 अगस्त से 17 सितम्बर के बीच होगा. विस्तृत शेड्यूल का ऐलान जल्द ही किया जाएगा.

भारत-पाकिस्तान भिड़ सकते हैं इतनी बार
उम्मीद ऐसी है कि भारत और पाकिस्तान को एक ही ग्रुप में रखा जा सकता है. ऐसा इस लिहाज से हो सकता क्योंकि अगर भारत और पाकिस्तान के फाइनल खेलने की तस्वीर बनती है, तो चिर-प्रतिद्वंद्वी 13 मैचों वाले टूर्नामेंट में देश तीन बार आपस में भिड़ सकते हैं. पाकिस्तान के चरण वाले राउंड के मैच लाहौर में खेले जाएंगे. एशिया कप को इस साल भारत में होने वाले विश्व कप की तैयारी का एक अच्छा मौका माना जा रहा है. और उम्मीद है कि टूर्नामेंट में लगभग वही खिलाड़ी खेलेंगे, जो विश्व कप टीम का  हिस्सा होंगे. एशिया कप के कार्यक्रम को मंजूरी मिलने के साथ ही अक्टूबर नवंबर में वनडे विश्व कप में पाकिस्तान टीम का भारत आना भी तय हो गया । दोनों टीमें अहमदाबाद में 15 अक्टूबर को लीग चरण में खेल सकती हैं.

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